5 Coin Refusal Penalty: हाल के वर्षों में ₹5 के सिक्के को लेकर बाजार में काफी भ्रम फैला है। कई दुकानदारों ने इसे नकली या अमान्य बताकर लेने से इनकार कर दिया, जिससे ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। खासकर छोटे दुकानदार, ऑटो चालक और चाय की दुकानों पर यह समस्या आम हो गई है। कई बार देखा गया है कि ग्राहक को ₹5 के सिक्के देने पर वो या तो अस्वीकार कर देता है या दुकानदार खुद लेने से मना कर देता है। ऐसे में इस अफवाह के कारण देशभर में सिक्कों का चलन प्रभावित हुआ है, जबकि यह पूरी तरह गलतफहमी पर आधारित है।
आरबीआई का सख्त बयान
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने स्पष्ट किया है कि ₹5 का सिक्का पूरी तरह वैध है और उसका चलन बंद नहीं हुआ है। RBI ने अपने बयान में यह भी कहा है कि भारत सरकार द्वारा जारी कोई भी सिक्का चाहे वह ₹1, ₹2, ₹5 या ₹10 का हो, उसे देशभर में कानूनी मुद्रा माना जाएगा। बैंक ने जनता और व्यापारियों से अपील की है कि वे सिक्कों के खिलाफ फैलाई जा रही झूठी खबरों पर विश्वास न करें। साथ ही, RBI ने यह निर्देश भी जारी किया है कि कोई भी व्यापारी अगर ₹5 का सिक्का लेने से मना करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
कानूनी रूप से मान्य
भारतीय संविधान और रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुसार, देश में जारी कोई भी सिक्का वैध मुद्रा होता है। इसका मतलब है कि ₹5 का सिक्का कानूनी रूप से स्वीकार करना हर दुकानदार और व्यापारी की जिम्मेदारी है। अगर कोई ग्राहक ₹5 का सिक्का देता है और दुकानदार उसे लेने से इनकार करता है, तो यह गैरकानूनी माना जाएगा। इसके लिए अब सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नियमों के अनुसार, जानबूझकर वैध मुद्रा को अस्वीकार करना कानून का उल्लंघन है, जिस पर दंड का प्रावधान है। इससे व्यापारियों को जागरूक होने की जरूरत है।
दुकानदारों पर जुर्माना
अब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है और ₹5 के सिक्के को न स्वीकार करने वाले दुकानदारों पर तगड़ा जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया है। अगर कोई दुकानदार ग्राहक से ₹5 का सिक्का लेने से इनकार करता है, तो उस पर ₹500 से लेकर ₹1000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, बार-बार ऐसा करने वालों के खिलाफ केस भी दर्ज किया जा सकता है। यह नियम इसलिए लाया गया है ताकि देशभर में सिक्कों का सम्मान बना रहे और आम लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इससे छोटे व्यापारियों में भी डर बना रहेगा।
ग्राहक को मिलेगा अधिकार
नए नियमों के तहत अब ग्राहकों को भी अधिकार मिलेगा कि अगर कोई दुकानदार ₹5 का सिक्का नहीं लेता है तो वे उसकी शिकायत सीधे कंज्यूमर फोरम या स्थानीय प्रशासन में कर सकते हैं। ग्राहक को चाहिए कि वह इस स्थिति में दुकानदार का वीडियो बनाए या किसी गवाह को साथ रखे ताकि शिकायत में मजबूत सबूत दिया जा सके। शिकायत सही पाए जाने पर प्रशासन त्वरित कार्रवाई करेगा और दुकानदार पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह बदलाव आम लोगों को आर्थिक न्याय दिलाने के लिए किया गया है ताकि नकली अफवाहों के चलते कोई भी अपनी मुद्रा का अपमान महसूस न करे।
अफवाह फैलाने वालों पर नजर
सरकार ने यह भी कहा है कि जो लोग सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से ₹5 के सिक्कों को लेकर झूठी जानकारी फैला रहे हैं, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आईटी एक्ट के तहत ऐसी अफवाह फैलाना दंडनीय अपराध है और दोषी पाए जाने पर जुर्माना या जेल तक हो सकती है। इसलिए आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है और अगर किसी के पास इस तरह की झूठी जानकारी आए तो उसे आगे न फैलाएं। केवल RBI और सरकार के आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें और समाज में सही संदेश फैलाएं।
जागरूकता है ज़रूरी
देश में आज भी कई लोग ऐसे हैं जो आर्थिक मामलों को लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं रखते। ऐसे में जागरूकता अभियान चलाना बेहद जरूरी है। सरकार और बैंक अधिकारियों ने मिलकर गांवों, कस्बों और छोटे शहरों में अभियान शुरू किया है ताकि लोगों को यह बताया जा सके कि ₹5 का सिक्का पूरी तरह वैध और मान्य है। स्कूलों, मंडियों और दुकानों पर पोस्टर, बैनर और ऑडियो संदेशों के जरिए लोगों को समझाया जा रहा है। नागरिकों को भी यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वे अपने स्तर पर परिवार और समाज को सही जानकारी दें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या ₹5 का सिक्का अब भी मान्य है?
हां, ₹5 का सिक्का पूरी तरह कानूनी और वैध मुद्रा है, इसे अस्वीकार करना अपराध है।
अगर दुकानदार सिक्का नहीं लेता तो क्या करें?
आप कंज्यूमर फोरम या प्रशासन में शिकायत कर सकते हैं और कार्रवाई की मांग कर सकते हैं।
क्या इस नियम के तहत जुर्माना तय है?
हां, ₹500 से ₹1000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, और ज़रूरत पड़ने पर केस भी दर्ज हो सकता है।
क्या सोशल मीडिया पर फैल रही बातें सही हैं?
नहीं, सोशल मीडिया पर सिक्कों को लेकर फैलाई जा रही ज्यादातर बातें गलत और भ्रामक हैं।
सही जानकारी कहां से लें?
आप RBI की वेबसाइट, प्रेस रिलीज़ और सरकारी सूचना पोर्टल से ही पुष्टि की गई जानकारी प्राप्त करें।