पुरानी पेंशन योजना में बड़ा बदलाव, कर्मचारियों को मिलेगा ये तोहफा

Unified Pension Scheme 2025: पुरानी पेंशन योजना यानी OPS वह सरकारी व्यवस्था है जिसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को आजीवन मासिक पेंशन दी जाती है। यह पेंशन उनकी अंतिम सैलरी के आधार पर तय होती थी और इसमें महंगाई भत्ते जैसी सुविधाएं भी शामिल होती थीं। 2004 के बाद इसे बंद कर दिया गया और नई पेंशन योजना (NPS) लागू हुई, जिसमें योगदान आधारित प्रणाली अपनाई गई। लेकिन हाल के वर्षों में पुरानी पेंशन को लेकर फिर से मांग तेज़ हो गई है और कई राज्य सरकारों ने इसे पुनः लागू करने की प्रक्रिया शुरू की है। अब केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर इसे लेकर बड़ा बदलाव सामने आया है।

क्या हुआ नया बदलाव

सरकार की ओर से पुरानी पेंशन योजना को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया है। जिन कर्मचारियों की नियुक्ति विज्ञापन 2003 या उससे पहले के हैं लेकिन उन्हें 2004 या उसके बाद ज्वाइनिंग मिली थी, उन्हें अब OPS का लाभ मिल सकता है। सुप्रीम कोर्ट और CAT के कई फैसलों के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने ऐसे मामलों पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है। कई विभागों में अब पुनर्व्याख्या की प्रक्रिया चल रही है जिससे हजारों कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा मिलने का रास्ता साफ हो सकता है। यह फैसला लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरा हो सकता है।

किन्हें मिलेगा लाभ

इस बदलाव का लाभ उन्हें मिलेगा जिन्होंने 31 दिसंबर 2003 तक किसी सरकारी विभाग की वैकेंसी के लिए आवेदन किया था और उनका चयन प्रक्रिया उसी के अनुसार हुई है, भले ही नियुक्ति 2004 में मिली हो। इसके अलावा कुछ राज्य सरकारों ने तो सभी स्थायी सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS को पुनः लागू कर दिया है, जैसे राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पंजाब। साथ ही कुछ कर्मचारी संगठनों की लगातार मांग के कारण यह मुद्दा अब संसद और न्यायालय तक पहुंच गया है। यदि आप इस श्रेणी में आते हैं, तो अपने विभाग से संपर्क करके स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।

कोर्ट के फैसले का असर

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल (CAT) ने अपने फैसलों में स्पष्ट कहा है कि 2003 के पहले विज्ञापन वाली नियुक्तियों पर NPS लागू नहीं किया जा सकता। इस फैसले के बाद केंद्र और राज्य सरकारों के कई विभागों ने कर्मचारियों के मामले दोबारा खोलने शुरू कर दिए हैं। कोर्ट के फैसलों के चलते अब यह कानूनी रूप से मजबूत स्थिति बन गई है और कर्मचारी पुरानी पेंशन के लिए दावा कर सकते हैं। इन फैसलों ने न सिर्फ कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ाई हैं बल्कि सरकारों पर भी नीतिगत दबाव बनाया है।

केंद्र सरकार की स्थिति

केंद्र सरकार ने अभी तक पुरानी पेंशन योजना को पूरे देश में बहाल करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि वित्त मंत्रालय और कार्मिक विभाग इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं, खासकर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के बाद। साथ ही केंद्र सरकार एक नई समिति का गठन कर रही है जो OPS और NPS के बीच संतुलन बनाने का मॉडल तैयार करेगी। यह समिति यह देखेगी कि किस तरह से कर्मचारियों को सुरक्षा भी मिले और सरकार पर वित्तीय बोझ भी न बढ़े। इस पर अंतिम फैसला आने वाले कुछ महीनों में आ सकता है।

राज्य सरकारों की पहल

राजस्थान, पंजाब, झारखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का फैसला कर लिया है। इन राज्यों के कर्मचारियों को अब रिटायरमेंट के बाद पूरी पेंशन दी जा रही है, जैसा कि 2004 से पहले होता था। इन सरकारों का मानना है कि यह कर्मचारियों का हक है और इससे सरकारी सेवाओं में स्थायित्व भी आएगा। वहीं कुछ अन्य राज्य जैसे दिल्ली और छत्तीसगढ़ भी इस दिशा में अध्ययन कर रहे हैं। इससे साफ है कि आने वाले समय में अधिक राज्य OPS की ओर लौट सकते हैं जिससे कर्मचारी वर्ग को बड़ा फायदा मिलेगा।

कर्मचारी संगठनों की भूमिका

पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की दिशा में कर्मचारी संगठनों ने लगातार आंदोलन और वार्ताएं की हैं। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) जैसे संगठन वर्षों से इसके लिए काम कर रहे हैं। समय-समय पर विशाल रैलियां, ज्ञापन और जन जागरूकता अभियान चलाकर इन संगठनों ने सरकार का ध्यान इस ओर खींचा है। अब जब कई राज्यों ने OPS बहाल कर दी है तो संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार भी जल्द से जल्द इसे पूरे देश में लागू करे। इनकी सक्रियता के कारण यह विषय अब राष्ट्रीय चर्चा में आ चुका है।

आगे क्या हो सकता है

पुरानी पेंशन योजना को लेकर अब राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर बहस चल रही है। केंद्र सरकार अगर इस दिशा में कोई ठोस नीति बनाती है तो आने वाले महीनों में बड़ा ऐलान संभव है। साथ ही यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गर्म होता जा रहा है और आगामी चुनावों में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। यदि नई समिति कोई संतुलित योजना सुझाती है, तो हो सकता है कि OPS का कोई संशोधित संस्करण पूरे देश में लागू किया जाए। इसलिए कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने दस्तावेज तैयार रखें और विभागीय सूचनाएं लगातार चेक करते रहें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

पुरानी पेंशन योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?
उन्हें जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया 2003 के विज्ञापन से शुरू हुई थी, लेकिन ज्वाइनिंग 2004 में हुई।

क्या केंद्र सरकार ने OPS को बहाल किया है?
अब तक केंद्र ने पूरी तरह बहाल नहीं किया है, लेकिन विचार चल रहा है।

कौन-कौन से राज्यों ने OPS लागू किया है?
राजस्थान, हिमाचल, झारखंड और पंजाब जैसे राज्यों ने इसे लागू किया है।

क्या कोर्ट के फैसले से असर पड़ेगा?
हां, सुप्रीम कोर्ट और CAT के फैसले से सरकारें कर्मचारियों के पक्ष में झुक रही हैं।

क्या OPS और NPS दोनों एक साथ चल सकते हैं?
नई समिति इस पर संतुलन की दिशा में काम कर रही है, आगे फैसला हो सकता है।

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