बिना ई-केवाईसी अब नहीं मिलेगा मुफ्त राशन, सरकार ने बढ़ाई कड़ी कार्रवाई!

Mandatory e-KYC for Ration Card: सरकार ने मुफ्त राशन योजना के तहत लाभार्थियों के लिए अब ई-केवाईसी को अनिवार्य बना दिया है। यानी अब जिन लोगों ने राशन कार्ड में ई-केवाईसी नहीं करवाई है, उन्हें मुफ्त राशन मिलना बंद हो सकता है। यह फैसला देशभर में कई फर्जी लाभार्थियों की पहचान के बाद लिया गया है। सरकार का मानना है कि डिजिटल सत्यापन से ही सही पात्र व्यक्तियों तक अनाज पहुंचेगा। इससे पहले ई-केवाईसी को लेकर ढील दी जा रही थी, लेकिन अब यह पूरी तरह सख्त कर दी गई है। जिन लाभार्थियों ने अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उनके राशन कार्ड अगले महीने से डिएक्टिवेट किए जा सकते हैं।

क्या है ई-केवाईसी प्रक्रिया

ई-केवाईसी यानी इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर प्रक्रिया एक डिजिटल पहचान सत्यापन तरीका है। इसके तहत लाभार्थी को अपने राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराना होता है और बायोमेट्रिक या OTP के जरिये इसे प्रमाणित करना होता है। यह काम राशन दुकानों, जन सेवा केंद्रों (CSC) या खाद्य विभाग की पोर्टल से किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाता है कि एक ही व्यक्ति कई जगहों से फर्जी तरीके से राशन न ले रहा हो। सरकार ने इस सिस्टम को पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकने के लिए अनिवार्य किया है।

करोड़ों कार्ड होंगे रिव्यू में

खाद्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में लगभग 80 करोड़ लोग मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन इनमें से लगभग 5 से 7 करोड़ ऐसे कार्डधारक हैं, जिनकी पहचान पूरी तरह प्रमाणित नहीं हो पाई है। सरकार अब इन सभी कार्डधारकों का ई-केवाईसी रिकॉर्ड चेक कर रही है और जिनका डाटा अपडेट नहीं है, उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। इससे यह भी तय किया जाएगा कि कौन वाकई इस योजना का पात्र है और कौन नहीं। इसके जरिए डुप्लीकेट और अपात्र कार्डधारकों को योजना से बाहर किया जाएगा।

राशन कार्ड हो सकता है रद्द

यदि किसी लाभार्थी ने समय पर ई-केवाईसी नहीं करवाई, तो उसका राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है। सरकार इस बार किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। खाद्य विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बिना केवाईसी राशन लेने वालों के नाम सूची से हटाए जाएंगे। जिन परिवारों में कोई सदस्य की ई-केवाईसी नहीं हुई है, वहां भी पूरे परिवार का लाभ रोका जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि सभी सदस्य जिनके नाम कार्ड में जुड़े हैं, उनकी पहचान की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए।

राशन वितरण प्रणाली होगी हाईटेक

सरकार अब पूरे देश में राशन वितरण प्रणाली को हाईटेक बना रही है। हर राशन दुकान पर अब बायोमेट्रिक मशीन लगाई जा रही है, जिससे अंगूठा लगाकर पहचान की जा सके। साथ ही राशन लेने से पहले OTP आधारित सत्यापन की सुविधा भी जोड़ी जा रही है। इससे उन लोगों पर लगाम लगेगी जो किसी और के कार्ड से राशन उठाते थे। इससे राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और वास्तविक लाभार्थियों तक सही मात्रा में अनाज पहुंचेगा। यह कदम डिजिटल इंडिया के तहत उठाया गया एक बड़ा निर्णय है।

ई-केवाईसी कैसे करें पूरी

लाभार्थी अपने निकटतम राशन दुकान, CSC सेंटर या खाद्य विभाग की वेबसाइट के माध्यम से ई-केवाईसी करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें आधार कार्ड, राशन कार्ड और मोबाइल नंबर की जरूरत होगी। बायोमेट्रिक मशीन के जरिए अंगूठा लगाकर यह प्रक्रिया पूरी की जाती है। कुछ राज्यों ने OTP आधारित सुविधा भी दी है, जिसमें रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाता है और उसे डालकर सत्यापन किया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया मुफ्त है और इसमें कोई शुल्क नहीं देना होता। सरकार ने इस कार्य के लिए सभी जिलों में विशेष अभियान भी शुरू किया है।

किन्हें होगा सबसे अधिक असर

इस सख्ती का असर उन लोगों पर सबसे अधिक पड़ेगा जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं या जिनके परिवार में बुजुर्ग और महिला सदस्य हैं जो डिजिटल प्रक्रिया से अनजान हैं। ऐसे में सरकार ने CSC और राशन डीलरों को आदेश दिया है कि वे लाभार्थियों की मदद करें और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दें। कई जगहों पर पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जा रहे हैं जहां फ्री में ई-केवाईसी की सुविधा दी जा रही है। अगर समय रहते यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो लाखों परिवारों को राशन से हाथ धोना पड़ सकता है।

राज्य सरकारें भी हुआ सख्त

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद अब राज्य सरकारों ने भी ई-केवाईसी को लेकर सख्त रवैया अपना लिया है। कई राज्यों ने तारीख तय कर दी है कि यदि उस तारीख तक ई-केवाईसी नहीं हुई तो लाभ बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा, राशन कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों में यह निर्देश पहले ही जारी हो चुका है। सरकार का उद्देश्य है कि केवल वही व्यक्ति योजना का लाभ उठाएं जो इसके असली हकदार हैं।

सरकारी डेटा से मिल रहा सहयोग

अब राशन कार्ड को अन्य सरकारी डेटाबेस से भी जोड़ा जा रहा है जैसे जनसंख्या रजिस्टर, आय प्रमाण पत्र, और आधार डेटा। इससे दोहराव और फर्जीवाड़े की पहचान आसान हो गई है। यदि किसी के पास एक से ज्यादा राशन कार्ड पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत ब्लॉक किया जा रहा है। कई जगहों पर ऐसे कार्ड पहले ही रद्द हो चुके हैं। सरकार डिजिटल मोड से लाभार्थियों का पूरी तरह सत्यापन करके ही उन्हें योजना में बनाए रखना चाहती है। यह प्रक्रिया देशभर में एक समान रूप से लागू की जा रही है।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1: ई-केवाईसी क्यों जरूरी हो गया है?
यह फर्जी लाभार्थियों को रोकने और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है।

प्रश्न 2: ई-केवाईसी नहीं कराने पर क्या होगा?
राशन कार्ड रद्द हो सकता है और मुफ्त राशन का लाभ बंद किया जा सकता है।

प्रश्न 3: ई-केवाईसी कहां करवा सकते हैं?
नजदीकी राशन दुकान, जन सेवा केंद्र या खाद्य विभाग की वेबसाइट पर कर सकते हैं।

प्रश्न 4: क्या प्रक्रिया में कोई फीस लगेगी?
नहीं, ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त है।

प्रश्न 5: OTP से भी ई-केवाईसी हो सकता है?
हाँ, कई राज्यों ने मोबाइल OTP आधारित केवाईसी सुविधा शुरू की है।

मेरा नाम प्रोगिता धोटे है और मैं पिछले दो वर्षों से कंटेंट लेखन के क्षेत्र में कार्यरत हूं। मैं मुख्य रूप से फाइनेंस, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर लेख लिखती हूं, जिनमें 100% शुद्ध और विश्वसनीय जानकारी शामिल होती है। मेरा उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि पाठकों को पढ़ने का एक नया और बेहतर अनुभव देना है। अगर आप भी जरूरी और सटीक जानकारी से अपडेट रहना चाहते हैं, तो मेरे साथ जुड़े रहें और ज्ञान को बनाएं अपनी सबसे बड़ी ताकत।

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