NHAI New Construction Rules: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने अब हाईवे किनारे की जमीन को लेकर सख्त नियम जारी किए हैं। इन नियमों के तहत अगर कोई व्यक्ति हाईवे से निर्धारित दूरी के भीतर अवैध निर्माण करता है, तो उसके खिलाफ सीधी कार्रवाई की जाएगी। पहले कुछ क्षेत्रों में लचीलापन रहता था, लेकिन अब सड़क सुरक्षा और विकास को ध्यान में रखते हुए सभी राज्य सरकारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। निर्माण चाहे स्थायी हो या अस्थायी, यदि वह तय दूरी के भीतर है, तो NHAI उसे गिरा भी सकती है। यह नियम आम नागरिकों के साथ-साथ निजी संस्थाओं और कंपनियों पर भी समान रूप से लागू होगा। अब जरूरत है इस नियम को समझने और समय रहते कार्रवाई करने की।
कितनी होनी चाहिए दूरी
NHAI के अनुसार अब नेशनल हाईवे के दोनों तरफ कम से कम 75 मीटर तक का क्षेत्र ‘सेफ्टी जोन’ माना जाएगा। इस दायरे में किसी भी तरह के आवासीय या व्यावसायिक निर्माण पर रोक रहेगी। पुराने नियमों में यह दूरी 30 से 45 मीटर तक थी, लेकिन बढ़ती दुर्घटनाओं, ट्रैफिक लोड और चौड़ीकरण कार्यों की वजह से इस दूरी को बढ़ाया गया है। यह निर्णय विशेषज्ञों की रिपोर्ट और सड़कों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए लिया गया है। अगर किसी ने हाईवे के किनारे 75 मीटर के अंदर घर बना लिया है, तो उसे अवैध निर्माण मानते हुए नोटिस भेजा जा सकता है और निर्माण तोड़ा भी जा सकता है।
क्यों लागू किए गए नियम
इन नए नियमों का उद्देश्य सड़कों की सुरक्षा, ट्रैफिक की सुगमता और भविष्य की योजनाओं को बिना बाधा के लागू करना है। NHAI को अक्सर चौड़ीकरण के समय बाधा बनते निर्माण कार्यों से दिक्कत होती थी, जिससे प्रोजेक्ट की लागत और समय दोनों बढ़ जाते थे। साथ ही, हाईवे के बहुत करीब बनाए गए मकानों और दुकानों के कारण वाहन दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। इसीलिए अब सड़क के आसपास एक निश्चित सेफ ज़ोन बनाकर उसे निर्माण मुक्त रखने की योजना है। इस फैसले से न केवल सड़क परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी बल्कि सड़क दुर्घटनाएं भी कम होंगी।
पहले बने निर्माणों का क्या
कई लोगों के मन में सवाल है कि यदि उनका घर पहले से हाईवे के पास बना हुआ है तो क्या होगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पहले से बने निर्माण अगर सड़क परियोजना के विस्तार में बाधा नहीं हैं, तो उन्हें फिलहाल हटाया नहीं जाएगा। लेकिन यदि वे सुरक्षा या निर्माण कार्य में रुकावट बनते हैं तो उन्हें तोड़ा जा सकता है। इसके लिए पहले नोटिस दिया जाएगा और फिर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होगी। ऐसे मामलों में पुनर्वास या मुआवजा देने की भी व्यवस्था की जा सकती है। इसलिए जिनका मकान हाईवे के पास है, उन्हें अपनी स्थिति की जांच करनी चाहिए।
क्या मिलेगा मुआवजा
यदि किसी का निर्माण वैध रूप से पुराने कानूनों के तहत हुआ है और अब वह NHAI के प्रोजेक्ट में बाधा बन रहा है, तो ऐसे मामलों में सरकार मुआवजा दे सकती है। इसके लिए राज्य सरकार और संबंधित विभागों के साथ मिलकर मूल्यांकन किया जाएगा। मुआवजा देने की प्रक्रिया ज़मीन के प्रकार, निर्माण की स्थिति और मालिक के दस्तावेज़ों की वैधता पर निर्भर करेगी। हालांकि, जिन लोगों ने बिना किसी अनुमति के अतिक्रमण किया है, उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। ऐसे मामलों में सीधी कार्रवाई होगी और निर्माण हटाया जाएगा। इसलिए जरूरी है कि दस्तावेजों की जांच और अनुमति की स्थिति साफ हो।
नए निर्माण के लिए निर्देश
अगर कोई व्यक्ति अब हाईवे के पास नया घर या दुकान बनाना चाहता है तो उसे पहले NHAI या संबंधित विभाग से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति बनाए गए निर्माण को कभी भी अवैध घोषित किया जा सकता है। इसके लिए ज़मीन की माप, निर्माण प्लान, सुरक्षा मानक और दूरी की शर्तें पूरी करनी होंगी। राज्य सरकारें अब स्थानीय निकायों को भी इस संबंध में अलर्ट कर रही हैं कि वे ऐसे नक्शों को पास न करें जो हाईवे सुरक्षा क्षेत्र में आते हैं। यह नियम छोटे गांवों, कस्बों और शहरों सभी पर लागू हैं। इससे मनमाने ढंग से हो रहे निर्माणों पर रोक लगेगी।
किसानों और ग्रामीणों पर असर
नए नियमों का असर उन किसानों और ग्रामीणों पर भी पड़ेगा जिनकी जमीनें हाईवे के पास हैं। अगर कोई किसान अपनी ज़मीन पर कोई निर्माण करना चाहता है तो उसे अब पहले मंजूरी लेनी होगी। साथ ही, जो खेत पहले से हाईवे के काफी पास हैं, उन्हें अब सुरक्षा क्षेत्र में मानकर वहां किसी तरह की पक्की संरचना बनाने की अनुमति नहीं होगी। इससे भूमि उपयोग में बदलाव करने वालों को सावधान रहना होगा। हालांकि, खेती और खुले उपयोग के लिए यह जमीन अभी भी वैध है, जब तक कि वहां कोई निर्माण कार्य न किया जाए। इससे विवादों से बचा जा सकता है।
अतिक्रमण हटाओ अभियान
NHAI ने साफ कहा है कि पूरे देश में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पर हाईवे प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं या शुरू होने वाले हैं, वहां सेफ्टी ज़ोन के अंदर आने वाले सभी निर्माणों की पहचान की जा रही है। इसके लिए ड्रोन सर्वे, सैटेलाइट इमेज और ज़मीनी निरीक्षण का सहारा लिया जा रहा है। जिनका निर्माण अवैध पाया जाएगा, उन्हें पहले नोटिस भेजा जाएगा और फिर तय समय के अंदर उसे हटाने का आदेश दिया जाएगा। आदेश नहीं मानने पर NHAI खुद कार्रवाई कर निर्माण हटवाएगा और संबंधित व्यक्ति से जुर्माना वसूला जाएगा।
कानूनी प्रक्रिया और सलाह
यदि किसी को लगता है कि उसका निर्माण वैध है और उसे गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है, तो वह न्यायालय का सहारा ले सकता है। इसके लिए संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, निर्माण की अनुमति और अन्य कानूनी रिकॉर्ड जरूरी होंगे। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे हाईवे किनारे किसी भी निर्माण से पहले NHAI से सलाह लें और नियमों की जानकारी रखें। साथ ही यदि पहले से कोई संपत्ति है तो उसकी स्थिति की जांच कराएं। किसी भी निर्माण से पहले कानूनी सलाह लेना अब अनिवार्य हो गया है ताकि भविष्य में कोई नुकसान या कार्रवाई न झेलनी पड़े।
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: NHAI के नए नियमों के अनुसार कितनी दूरी तक निर्माण नहीं कर सकते?
अब हाईवे के दोनों तरफ 75 मीटर तक के क्षेत्र में कोई भी निर्माण अवैध माना जाएगा।
प्रश्न 2: पहले से बने घरों का क्या होगा?
अगर निर्माण सड़क विस्तार में बाधा नहीं बनता तो नहीं हटाया जाएगा, वरना नोटिस देकर कार्रवाई होगी।
प्रश्न 3: क्या बिना अनुमति बनाए गए घरों पर जुर्माना लगेगा?
हाँ, बिना अनुमति बने घरों को गिराया जाएगा और मालिक से जुर्माना भी वसूला जाएगा।
प्रश्न 4: क्या नया निर्माण करने के लिए NHAI से अनुमति लेनी होगी?
जी हां, अब हर नया निर्माण करने से पहले NHAI से मंजूरी लेनी जरूरी होगी।
प्रश्न 5: क्या किसानों को भी ये नियम मानने होंगे?
हाँ, किसानों को भी खेतों पर कोई निर्माण करने से पहले NHAI की अनुमति लेनी होगी।