10 साल पुराने बैंक अकाउंट वालों की शामत! RBI ने लागू किए नए कड़े नियम

RBI New Rules 2025: RBI ने देशभर के सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे उन खातों की जांच करें जो पिछले 10 वर्षों से पूरी तरह निष्क्रिय हैं। ऐसे खातों में न कोई ट्रांजैक्शन होता है, न लॉगिन, न ही फंड मूवमेंट। अब इन खातों को डॉरमेंट यानी निष्क्रिय घोषित किया जाएगा और निर्धारित प्रक्रिया के बाद बंद कर दिया जाएगा। इस कदम का मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लेनदेन की संभावनाओं को कम करना है। साथ ही, बैंकिंग व्यवस्था को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना भी इसका मकसद है। जिन लोगों के पास लंबे समय से अनयूज्ड अकाउंट हैं, उन्हें अब सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि यह नया नियम सीधा असर डालने वाला है।

पहले मिलेगा नोटिस

RBI ने यह स्पष्ट किया है कि खातों को बंद करने से पहले बैंकों को ग्राहक को सूचना देनी होगी। यानी जिन खातों में पिछले 10 वर्षों से कोई भी गतिविधि नहीं हुई है, उनमें खाताधारक को पहले नोटिस भेजा जाएगा। बैंक SMS, ईमेल या पत्र के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश करेगा। यदि ग्राहक कोई जवाब नहीं देता और खाता फिर भी निष्क्रिय रहता है, तो उसे बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसका मतलब यह है कि ग्राहकों को अंतिम मौका दिया जाएगा कि वे अपना खाता चालू रखें या स्वयं बंद करने की इच्छा जताएं। इससे ग्राहक को पूरी पारदर्शिता मिलती है।

निष्क्रियता के नुकसान

यदि कोई बैंक खाता 10 साल तक निष्क्रिय रहता है, तो ग्राहक को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सबसे पहले, खाते की सभी सेवाएं जैसे डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, चेकबुक आदि निष्क्रिय हो जाती हैं। दूसरा, उस खाते पर मिलने वाला ब्याज भी रुक सकता है। इतना ही नहीं, ऐसे निष्क्रिय खाते साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी के लिए आसान निशाना बन सकते हैं। RBI के अनुसार, इन खतरों से बचने के लिए जरूरी है कि ग्राहक समय-समय पर अपने खाते में कम से कम एक ट्रांजैक्शन जरूर करें। इससे खाता सक्रिय बना रहेगा और उपभोक्ता सेवाओं से वंचित नहीं होंगे।

पैसे जाएंगे DEAF में

नए निर्देशों के मुताबिक अगर खाता लगातार 10 वर्षों तक निष्क्रिय रहता है, तो उसमें मौजूद राशि को डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इस फंड का प्रबंधन आरबीआई करता है और इसका उद्देश्य उपभोक्ता हितों की रक्षा करना होता है। हालांकि, खाताधारक बाद में दावा करके अपना पैसा वापस ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें पूरी KYC प्रक्रिया से गुजरना होगा। अगर ग्राहक पहले ही अपने खाते में लेनदेन कर देता है तो यह फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया रुक जाती है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते खाता सक्रिय रखा जाए।

KYC अपडेट अनिवार्य

RBI के नए नियमों के अनुसार बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे निष्क्रिय खातों के KYC दस्तावेज़ों की दोबारा जांच करें। यदि कोई खाता 10 साल से निष्क्रिय है और उसमें KYC अपडेट नहीं हुआ है, तो बैंक उसे ब्लॉक कर सकता है। इसलिए खाताधारकों को चाहिए कि वे अपने आधार, पैन और एड्रेस प्रूफ को अपडेट करें। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है। KYC अपडेट करने से न केवल खाता चालू रहेगा बल्कि उपभोक्ता को भविष्य में किसी भी वित्तीय धोखाधड़ी से भी सुरक्षा मिलेगी। इस प्रक्रिया को नजरअंदाज करना अब भारी पड़ सकता है।

सभी खातों पर लागू

यह नियम केवल बचत खातों पर ही नहीं बल्कि चालू खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट, आरडी और जनधन खातों पर भी लागू होगा। सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंक और ग्रामीण बैंक सभी को इसका पालन करना होगा। यह फैसला खासकर उन खातों के लिए है जो वर्षों से लावारिस पड़े हैं या जिनके मालिक विदेश में रह रहे हैं और खाता बंद करवाना भूल गए हैं। कई बार खाताधारक की मृत्यु हो जाने के बाद भी परिवार खाता बंद नहीं करवाता। अब ऐसे सभी पुराने खातों पर कार्रवाई की जाएगी और उनकी राशि DEAF फंड में चली जाएगी।

डिजिटल लेनदेन से बचाव

RBI का सुझाव है कि अगर आप चाहते हैं कि आपका खाता सक्रिय बना रहे तो साल में कम से कम एक बार उसमें कोई छोटा सा डिजिटल ट्रांजैक्शन करें। चाहे वह ₹1 का UPI ट्रांसफर हो या नेट बैंकिंग से बैलेंस चेक, इससे खाता डॉरमेंट घोषित नहीं होगा। यह नियम खासतौर पर उन ग्राहकों के लिए उपयोगी है जो शाखा नहीं जा सकते। मोबाइल बैंकिंग, UPI, IMPS, NEFT जैसे टूल्स का इस्तेमाल कर आप बड़ी आसानी से खाता चालू रख सकते हैं। बैंक भी समय-समय पर SMS या ईमेल के जरिए अलर्ट भेजेंगे ताकि ग्राहक समय रहते कार्रवाई कर सकें।

क्या करें ग्राहक

यदि आपके पास कोई ऐसा बैंक खाता है जो 10 वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है, तो सबसे पहले उस खाते की स्थिति जांचें। आप नेट बैंकिंग, बैंक शाखा या कस्टमर केयर से इसकी जानकारी ले सकते हैं। इसके बाद खाते में कोई भी छोटा ट्रांजैक्शन करें ताकि वह दोबारा सक्रिय हो जाए। यदि आप खाता बंद करवाना चाहते हैं तो बैंक जाकर क्लोजर फॉर्म भरें और प्रक्रिया पूरी करें। साथ ही अपना KYC दस्तावेज अपडेट करवाना न भूलें। अगर खाता आपके किसी परिवारजन का है जो अब नहीं हैं, तो भी वारिस होने के नाते आप इसे निपटा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. कौन से बैंक अकाउंट बंद किए जाएंगे?
वे सभी खाते जो 10 वर्षों से निष्क्रिय हैं और जिनमें कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है।

Q2. क्या खाते के पैसे पूरी तरह जब्त हो जाएंगे?
नहीं, पैसे DEAF फंड में ट्रांसफर होंगे और ग्राहक KYC के साथ दावा कर सकता है।

Q3. खाते को एक्टिव रखने के लिए क्या करना होगा?
कम से कम साल में एक बार कोई भी ट्रांजैक्शन करना पर्याप्त होगा।

Q4. क्या यह नियम सभी बैंकों पर लागू होगा?
हां, सरकारी, प्राइवेट और ग्रामीण सभी बैंकों पर यह नियम समान रूप से लागू होगा।

Q5. क्या ग्राहक बिना बैंक जाए खाता चालू रख सकता है?
जी हां, मोबाइल या नेट बैंकिंग से छोटा ट्रांजैक्शन करके खाता एक्टिव रखा जा सकता है।

मेरा नाम प्रोगिता धोटे है और मैं पिछले दो वर्षों से कंटेंट लेखन के क्षेत्र में कार्यरत हूं। मैं मुख्य रूप से फाइनेंस, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर लेख लिखती हूं, जिनमें 100% शुद्ध और विश्वसनीय जानकारी शामिल होती है। मेरा उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि पाठकों को पढ़ने का एक नया और बेहतर अनुभव देना है। अगर आप भी जरूरी और सटीक जानकारी से अपडेट रहना चाहते हैं, तो मेरे साथ जुड़े रहें और ज्ञान को बनाएं अपनी सबसे बड़ी ताकत।

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